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Board Paper of Class 10 2006 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions

(i) इस प्रश्न-पत्र के चार खण्ड हैं क, ख, ग और घ।
(ii) चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खण्ड के उत्तर क्रमश: दीजिए।


  • Question 1

    निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

    उसी पुस्तकालय में एक युवती छोटे से मंच पर अपने सामने कंप्यूटर रखे उस पर काम कर रही थी। वह भी गांव की ही लड़की थी जो पढ़ लिखकर कंप्यूटर पर हिसाब-किताब का काम करने लगी थी। उस ग्रामीण परिप्रेक्ष्य में उसे कंप्यूटर पर काम करते देखकर निश्चय ही बड़ा अच्छा लगा। संस्थान अपने कार्यकलाप में जहाँ अतीत से जुड़ता था और परंपरागत अनुभवों-प्रथाओं से लाभ उठाना चाहता था, वहाँ वर्तमान और भविष्य से भी जुड़ता था, अपनी दृष्टि में भविष्योन्मुखी था।

    पुस्तकालय में से निकले ही थे कि और बड़ा सुखद अनुभव हुआ था। एक विकलांग युवती, बैसाखियों के सहारे, बरामदे की ओर चली आ रही थी। कोई ग्रामीण लड़की ही रही होगी, पर खिला-खिला चेहरा, साफ़-सुथरे कपड़े, चेहरे पर झलकता आत्मविश्वास, हल्की-सी मुसकराहट। मानों संस्थान में आए लोगों का स्वागत कर रही हो। उसने हाथ जोड़ कर नमस्कार किया। उसे देखकर मुझे लगा जैसे उसके चेहरे पर खिली आत्मविश्वास भरी मुस्कराहट इसी संस्थान की देन है जिसने यहाँ के लोगों को अपने व्यक्तित्व का बोध कराया है। पुस्तकालय से निकलकर हम लोग अब एक सभागार में प्रवेश कर रहे थे। बड़ा-सा हॉल, कमरा, फ़र्श पर दरियाँ, छत पर से लटकते पंखे चल रहे थे, और सभागार संस्थान के सक्रिय कार्यकर्ताओं, ग्रामीण पुरषों-स्त्रियों से भरा था।

    मैं कुछ-कुछ अपने ही आग्रह पर यहाँ पहुँच गया था, संस्थान के कार्यकलाप का पहलू देखने के लिए। क्योंकि न तो मुझे विचाराधीन विषय की जानकारी थी, और यदि यह जानकारी होती भी तो भी मेरे पल्ले कुछ भी पड़ने वाला नहीं था, क्योंकि उनका विचार-विमर्श अपनी स्थानीय बोली में चलने वाला था। पर फिर भी मेरे लिए देखने-जानने को बहुत कुछ था।

    सभागार में ग्रामीण स्त्रियाँ-पुरुष बैठे थे, स्त्रियाँ प्रथानुसार एक ओर, पुरुष दूसरी ओर। बातचीत बड़े अनौपचारिक ढंग से चर रही थी। एक बूढ़ी अम्मा, हाथ पसार-पसार कर अपना तर्क सुना रही थीं। जिस तरह हाथ पसार रही थीं मुझे लगा बड़ी गर्मजोशी में बोल रही हैं, पर फिर स्वयं ही कभी-कभी अपने पोपले मुँह पर हाथ रखकर हँसने लगती थीं... मैं देश की जनतांत्रिक पद्धति की एक गर्वीली इकाई का कार्यकलाप देख रहा था। बहुत कुछ देखा था, जो सचमुच स्फूर्तिदायक था, प्रेरणाप्रद था। मुझे अपने कमरे की ओर ले जाते हुए संस्थान की प्रतिनिधि मुझे संस्थान की मूल अवधारणाओं के बारे में बता रहे थे। यहाँ काम करने वाले अधिकतर लोग गाँव के ही युवक-युवतियाँ थे जिन्होंने पाँचवी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक की तालीम पाई थी। फिर अभ्यासवश अपने पपोटों पर ऊँगली चलाते हुए बोले–"यहाँ सभी बराबर हैं, सभी को मान्यता मिलती हैं, परंतु यदि प्राथमिकता दी जाती है तो गरीब ग्रामीणों को, स्त्रियों को और निम्न जाति के लोगों को।

    यहाँ कोई बड़ा या छोटा नहीं है। यहाँ सभी सीखना चाहते हैं, सीखने के इच्छुक हैं। गांधी जी कथनानुसार, गाँव का कोई भी मामूली पढ़ा-लिखा व्यक्ति कोई-न-कोई हुनर सीख सकता है। उसके लिए शहरी शिक्षा की डिग्रियाँ लेने की कोई ज़रूरत नहीं है। यहाँ पैसे के प्रलोभन के लिए कोई स्थान नहीं है। धन बटोरने की इच्छा से यहाँ कोई काम नहीं करता। नंगे पाँव चलने वाले इस संस्थान में हर प्रकार की पहलकदमी को प्रोत्साहित किया जाता है। यहाँ स्त्रियों को समानाधिकार प्राप्त हैं। यहाँ भी गाँधी जी के कथनानुसार वे किसी से पीछे नहीं हैं। मामूली पढ़ाई कर चुकने पर भी स्त्रियाँ बड़ी कुशलता से कंप्यूटर पर काम रही हैं, और पानी के नल मरम्मत कर रही हैं, सौर-ऊर्जा के उपकरण लगा रही हैं, और पानी के तालों की व्यवस्था कर रही हैं। और सामान्यत: उनका काम पुरुषों की तुलना में इक्कीस ही है, बीस नहीं।

    संस्थान में व्यक्ति को रचनात्मक तथा सकारात्मक विकास के लिए सुविधाएँ प्राप्त होंगी। संस्थान देश के संविधान के अनुरुप और अहिंसा से प्रेरित साधनों द्वारा सामाजिक न्याय को क्रियान्वित करेगा। संस्थान ऐसी टेक्नालॉजी को मान्यता नहीं देगा, जिससे लोगों की रोज़ी-रोटी पर बुरा असर पड़े।"

    दूसरे दिन प्रात: अपने शहर लौटने से पहले, संस्थान के डायरेक्टर, श्री बंकर राय से घड़ी भर के लिए मिलने का सुअवसर मिला, पिछले तीस वर्ष से वे इस संस्थान का संचालन करते आ रहे थे, और उन्होंने इसे एक विरल, प्रतिष्ठित, ख्याति-प्राप्त संस्था का रुप दिया था। कोई भी व्यक्ति जो गरीब ग्रामवासियों की क्षमताओं को इतनी लगन और निष्ठा के साथ निर्माण कार्यों में लगा सकता है, वह निश्चय ही श्रद्धा का पात्र है।

    उन्हीं से मिलने पर पता चला कि उस संस्थान की, जिसे उन्होंने और उनके सहकर्मियों ने नंगे पाँव आगे बढ़ने वाले संस्थान की संज्ञा दे रखी थी, ख्याति अब दूर-दूर तक पहुँचने लगी है। कुछ ही समय पहले इस संस्थान को अंतर्राष्ट्रीय संस्था आगा खाँ फ़ाऊंडेशन द्वारा बहुत बड़े पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। दिल्ली की ओर हमारी जीप बढ़ने लगी है। तिलोनिया पीछे छूट चुका है। पर बार-बार मन में एक ही वाक्य उठता है कि तोलोनिया का भविष्य और भी अधिक उज्ज्वल हो, देश में एक तिलोनिया नहीं, बीसियों, सैंकड़ों तिलोनिया उठ खड़े हों–देश की गरीब जनता का आत्म-विश्वास और आत्म-सम्मान बढ़ाने वाले, देश को प्रगति के पथ पर ले जाने वाले।

    (i) लेखक को एक लड़की द्वारा कंप्यूटर पर काम करते देखना अच्छा क्यों लगा? (2)

    (ii) लेखक को विकलांग लड़की को देखकर कैसा अनुभव हुआ? (2)

    (iii) लेखक ने सभागार में क्या देखा? (2)

    (iv) तिलोनिया के संस्थान में स्त्रियों से कैसा व्यवहार किया जाता है (2)

    (v) उपरोक्त गद्यांश का शीर्षक दीजिए। (2)

    (vi) 'सामाजिक न्याय' तथा प्राथमिकता' शब्दों को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए। (2)

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  • Question 2

    निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
    उसे दरवाज़े पर रखकर
    चला गया है माली
    उसका वहाँ होना
    अटपटा लगता है मेरी आँखों को
    पर जाते हुए दिन की
    धुँधली रोशनी में
    उसकी वह अजब अड़बंग-सी धूल भरी
    धज
    आकर्षित करती है मुझे
    काम था
    सो हो चुका है
    मिट्टी थी
    सो खुद चुकी है जड़ों तक
    और अब कुदाल है कि एक चुपचाप
    चुनौती की तरह
    खड़ी है दरवाज़े पर
    सोचता हूँ उसे वहाँ से उठाकर
    ले जाऊँ अंदर
    और रख दूँ किसी कोने में
    ड्राइंग-रुम कैसा रहेगा–
    मैं सोचता हूँ
    न सही कुदाल
    एक अलंकार ही सही
    यदि वहाँ रह सकती है नागफनी
    तो कुदाल क्यों नहीं?
    पर नहीं–मेरे मन ने कहा
    कुदाल नहीं रह सकती ड्राइंग-रुम में
    इससे घर का संतुलन बिगड़ सकता है
    फिर किया क्या जाय मैंने सोचा
    कि तभी ख्याल आया
    उसे क्यों न छिपा दूँ
    पलंग के नीचे के अंदेरे में
    इससे साहस थोड़ा दबेगा ज़रुर
    पर हवा में जो भर जाएगी एक रहस्य की गंध
    उससे घर की गरमाहट कुछ बढ़ेगी ही
    लेकिन पलंग के नीचे कुदाल?
    मैं ठठाकर हँस पड़ा इस अद्भुत बिंब पर
    अंत में कुदाल के सामने रुककर
    मैंने कुछ देर सोचा कुदाल के बारे में
    सोचते हुए लगा उसे कंधे पर रखकर
    किसी अदृश्य अदालत में खड़ा हूँ मैं
    पृथ्वी पर कुदाल के होने की गवाही में

    (i) माली किस वस्तु को घर के दरवाज़े पर रखकर चला गया और क्यों? (2)

    (ii) कवि ने कुदाल को दरवाज़े के निकट रख कर क्या सोचा? (2)

    (iii) 'यदि वहाँ रह सकती है नागफनी

         तो कुदाल क्यों नहीं
        आशय स्पष्ट कीजिए। (2)

    (iv) कुदाल के विषय में सोचते हुए कवि को क्या महसूस हुआ? (2)

    अथवा

    छोड़ो मत अपनी आन सीस कट जाए।
    मत झुको अनय पर, भले व्योम फट जाए।
    दो बार नहीं यमराज कंठ धरता है,
    मरता है जो, एक ही बार मरता है।
    तुम स्वयं मरण के मुख पर चरण धरो रे।
    जीना हो तो मरने से नहीं डरो रे।
    स्वातंत्र्य जाति की लगन व्यक्ति की धुन है,
    बाहरी वस्तु यह नहीं भीतरी गुण है।
    नत हुए बिना जो अशनि घात सहती है,
    स्वाधीन जगत में वहीं जाति रहती है।
    वीरत्व छोड़ पर का मत चरण गहो रे।
    जो पड़े आन, खुद ही सब आग सहो रे।

    (i) 'व्यक्ति को अत्याचार के आगे नहीं झुकना नहीं चाहिए। इस तथ्य को किन पंक्तियों में स्पष्ट किया गया है? (2)

    (ii) 'दो बार नहीं यमराज कण्ठ धरता है' पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए। (2)

    (iii) जगत में कौन-सी जाति स्वाधीन रह सकती है? (2)

    (iv) इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने क्या संदेश दिया है? (2)

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  • Question 3

    अपनी योग्यताओं का विवरण देते हुए, अपने ज़िले के बेसिक शिक्षा अधिकारी को प्राथमिक शिक्षक के पद के लिए आवेदन-पत्र लिखिए। 5

    अथवा

    कावेरी छात्रावास के अधीक्षक को अनुराधा की ओर से पत्र लिखकर, छात्रावास की भोजनशाला के निरंतर गिरते स्तर की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कीजिए।

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  • Question 4

    दिए गए संकेत-बिन्दुओं के आधार पर किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए – 

    (क) छात्र और शिक्षक (घर, प्रारम्भिक पाठशाला, शिक्षक का दायित्व, छात्र का दायित्व)

    (ख) किसी प्राकृतिक स्थल की यात्रा (प्रकृति और मनुष्य का सम्बन्ध, कहाँ की यात्रा की, प्राकृतिक सौन्दर्य का वर्णन)

    (ग) दैव-दैव आलसी पुकारा (आलसी व्यक्ति ही भाग्य का सहारा लेता है। भाग्यवादी निकम्मा होता है। आलसी व्यक्ति निराश, उदासीन और पराश्रित रहता है।)

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  • Question 5

    नीचे दिए गए वाक्यों के रेखांकित पदबंध का प्रकार बताइए –

    (i) विश्वकप में एक ओवर में छह छक्के मारने वाले युवराज ने क्रिकेट के इतिहास में अपना नाम अमर कर लिया।

    (ii) भारत-आस्ट्रेलिया के अंतिम मैच में भारत के पुछल्ले खिलाड़ियों ने करिश्मा कर दिखाया।

    (iii) टेनिस के खिलाड़ियों में सानिया मिर्ज़ा एक चमकता हुआ सितारा है।

    (iv) आँखों में धूल झोंकने वाला वह बदमाश आज आखिर पकड़ा ही गया।

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  • Question 6

    निर्देशानुसार उत्तर लिखिए – (1 + 1 + 1 + 1)

    (i) राजीव ने कहा कि वह दिल्ली जा रहा है। (वाक्य-प्रकार बताइए)

    (ii) आप चाय लेंगे या आपके लिए पैप्सी मंगवाऊँ। (वाक्य-प्रकार बताइए)

    (iii) रिश्वतखोर होने के कारण ही वह पकड़ा गया। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)

    (iv) मंत्री बनने पर भी उसका व्यवहार पूर्ववत् है। (मिश्र वाक्य में बदलिए)

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  • Question 7

    निर्देशानुसार उत्तर लिखिए –

    (i) पुण्य + आत्मा (सन्धि करें) 

    (ii) मुनीश (सन्धि विच्छेद करें)

    (iii) पीताम्बर धारी (विग्रह कर समास का नाम लिखिए)

    (iv) त्रिलोक (समास का प्रकार बताएँ)

    (v) अदृश्य (उपसर्ग और मूल शब्द अलग करें) 

    (vi) 'अन' (उपसर्ग से एक शब्द बनाएँ)

    (vii) चपलता (मूल शब्द और प्रत्यय अलग करें)

    (viii) 'पन' (प्रत्यय से एक शब्द बनाएँ)

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  • Question 8

    (क) दिए गए मुहावरों अथवा लोकोक्तियों में से किन्हीं दो को इस प्रकार वाक्यों में प्रयोग करें कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए – (2)

    1. सुध-बुध खोना

    2. आधा तीतर आधा बटेर लगना

    3. नौ दिन चले अढ़ाई कोस

    4. मान न मान मैं तेरा मेहमान

    (ख) रिक्त स्थानों की पूर्ति उपयुक्त मुहावरे/लोकोक्ति द्वारा कीजिए – (2)

    1. राखी सावन्त ने जब नच बलिए में एक नर्तक और नर्तकी को मीका के जन्मदिन पर हुई घटना को नृत्य द्वारा प्रस्तुत करते देखा तो वह ................. हो गई।

    2. रीना ने जब से मॉडलिंग शुरू की है तब से उसके ....................।

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  • Question 9

    (i) निम्नलिखित में से किन्हीं दो शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए – (2)

        धरती, नदी, विष्णु, स्त्री

    (ii) निम्नलिखित में से किन्हीं दो शब्दों के विलोम शब्द लिखिए – (1)

          विद्वान, स्थूल, साधु, विधवा

    (iii) निम्नलिखित में से किसी एक शब्द से अलग-अलग अर्थ देने वाले वाक्य बनाइए – (1)

          जड़, गुरु

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  • Question 10

    निम्नलिखित काव्यांशों में से किसी एक को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए – 
    कंपनी बाग के मुहाने पर
    धर रखी गई है यह 1857 की तोप
    इसकी होती है बड़ी सम्हाल, विरासत में मिले
    कंपनी बाग की तरह
    साल में चमकाई जाती है दो बार।
    सुबह-शाम कंपनी बाग में आते हैं बहुत से सैलानी
    उन्हें बताती है यह तोप
    कि मैं बड़ी जबर
    उड़ा दिए थे मैंने
    अच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जे
    अपने ज़माने में

    (i) कवि तथा कविता का नाम लिखिए। (1)

    (ii) विरासत में मिली चीज़ों की संभाल क्यों की जाती है? (2)

    (iii) तोप को साल (वर्ष) में केवल दो बार क्यों चमकाया जाता है? (1)

    (iv) तोप कम्पनी बाग में आने वाले सैलानियों को क्या बताती है? (2)

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  • Question 11

    निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लिखिए – (3 + 3 + 3)

    1. 'मधुर-मधुर मेरे दीपक जल' कविता में दीपक से किस बात का आग्रह किया गया है और क्यों?

    2. शाल के वृक्ष भयभीत होकर धरती में क्यों धँस गए?

    3. बिहारी की नायिका यह क्यों कहती है, "कहि है सब तेरो हियो, मेरे हिय की बात", स्पष्ट कीजिए।

    4. भाव स्पष्ट कीजिए –

    बिरह भुवंगम तन बसै, मन्त्र न लागै कोइ।

    राम बियोगी ना जिवै, जिवै तो बौरा होइ।।

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  • Question 12

    (क) 'कर चले हम फ़िदा' शीर्षक कविता का प्रतिपाद्य लिखिए। (3)

    (ख) विरासत में मिली चीज़ों की बड़ी संभाल क्यों होती है? स्पष्ट कीजिए। (2)

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  • Question 13

    निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

    (क) "हमारे जीवन की रफ़्तार बढ़ गई है। यहाँ कोई चलता नहीं, बल्कि दौड़ता है। कोई बोलता नहीं, बकता है। हम जब अकेले पड़ते हैं तब अपने आपसे लगातार बड़बडाते रहते हैं। ...अमेरिका से हम प्रतिस्पर्धा करने लगे। एक महीने में पूरा होने वाला काम एक दिन में ही पूरा करने की कोशिश करने लगे। वैसे भी दिमाग की रफ़्तार हमेशा तेज़ ही रहती है। उसे 'स्पीड' का इंजन लगाने पर वह हज़ार गुना अधिक रफ़्तार से दौड़ने लगता है। फिर एक क्षण ऐसा आता है जब दिमाग का तनाव बढ़ जाता है और पूरा इंजन टूट जाता है। ...यही कारण है जिससे मानसिक रोग यहाँ बढ़ गए हैं।..."

    (i) "यहाँ कोई चलता नहीं, बल्कि दौड़ता है।" – ऐसा किसके लिए कहा गया है? (2)

    (ii) जापानी लोगों को अमेरिका से प्रतिस्पर्धा करने का क्या दुष्परिणाम झेलना पड़ता है? (2)

    (iii) जापान में मानसिक रोगों में वृद्धि क्यों हो गई है? (2)

    अथवा

    (ख) हमारी फिल्मों की सबसे बड़ी कमज़ोरी होती है, लोक-तत्त्व का अभाव। वे ज़िंदगी से दूर होती हैं। यदि त्रासद स्थितियों का चित्रांकन होता है तो उन्हें ग्लोरीफ़ाई किया जाता है। दुख का ऐसा वीभत्स रुप प्रस्तुत होता है जो दर्शकों का भावनात्मक शोषण कर सके। और 'तीसरी कसम' की यह खास बात थी कि वह दुख को भी सहज स्थिति में, जीवन-सापेक्ष प्रस्तुत करती है।

    मैंने शैलेंद्र को गीतकार नहीं, कवि कहा है। वे सिनेमा की चकाचौंध के बीच रहते हुए यश और धन-लिप्सा से कोसों दूर थे। जो बात उनकी ज़िंदगी में थी वही उनके गीतों में भी। उनके गीतों में सिर्फ़ करुणा नहीं, जूंझने का संकेत भी था और वह प्रक्रिया भी मौजूद थी जिसके तहत अपनी मंज़िल तक पहुँचा जाता है। व्यथा आदमी को पराजित नहीं करती, उसे आगे बढ़ने का संदेश देती है।

    (i) हमारी फ़िल्मों की सबसे बड़ी कमज़ोरी क्या है? (2)

    (ii) 'तीसरी कसम' फ़िल्म में दु:ख का कैसा रुप प्रदर्शित किया गया है? (2)

    (iii) शैलन्द्र के स्वभाव की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए। (2)

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  • Question 14

    निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लिखिए – (3 + 3 + 3)

    1. लेखक के मित्र ने मानसिक रोगों के क्या-क्या कारण बताए हैं? क्या आप इन कारणों से सहमत हैं?

    2. कलकत्ता वासियों के लिए 26 जनवरी, 1931 का दिन क्यों महत्त्वपूर्ण था?

    3. 'तीसरी कसम' फ़िल्म को खरीददार क्यों नहीं मिल रहे थे?

    4. लेखक ने ग्वालियर से मुम्बई तक किन बदलावों को महसूस किया? 'अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले' रचना के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

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  • Question 15

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

    1. 'गिरगिट' कहानी के शीर्षक की सार्थकता को स्पष्ट कीजिए। (3)

    2. बड़े भाई साहब छोटे भाई को क्या सलाह देते थे, और क्यों? (2)

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  • Question 16

    निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लिखिए –

    1. अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते हैं। कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

    2. ज़हीन होने के बावजूद भी टोपी नवीं कक्षा में दो बार फेल क्यों हो गया?

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  • Question 17

    निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लिखिए – (2 + 2 + 2)

    (i) 'स्काउट परेड करते समय लेखक अपने को महत्त्वपूर्ण 'आदमी' फौजी जवान क्यों समझने लगता था?

    (ii) हरिहर काका को महन्त और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे?

    (iii) गाँव के लोगों में हरिहर काका चर्चा का केन्द्र क्यों बने हुए थे?

    (iv) मुन्नी बाबू ने रामदुलारी से यह क्यों कहा कि उसने टोपी को रहीम मियाँ की दुकान पर कबाब खाते देखा था?

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