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वाक्य

वाक्य की परिभाषा


दो या दो से अधिक शब्दों के सार्थक समूह को, जिसका पूरा पूरा अर्थ निकलता है, उसे वाक्य कहते हैं।

उदाहरण -

() सुनीता - राधा! क्या कर रही है।

राधा - सब्जी

उपर्युक्त वाक्य से यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि राधा क्या कर रही है। इसलिए हम इसे वाक्य नहीं कह सकते हैं।

() सुनीता - राधा! क्या कर रही हो?

राधा - सब्जी काट रही हूँ।

इस वाक्य से अर्थ स्पष्ट है कि राधा सब्जी काटने का काम कर रही है। इसलिए यह पूर्ण वाक्य है।

वाक्य रचना के नियम :-

किसी भी वाक्य के निर्माण करने का एक नियम होता है, जिसे हम इस प्रकार समझ सकते हैं -

कर्ता + कर्म + क्रिया + विशेषण।


दो या दो से अधिक शब्दों के सार्थक समूह को, जिसका पूरा पूरा अर्थ निकलता है, उसे वाक्य कहते हैं।

उदाहरण -

() सुनीता - राधा! क्या कर रही है।

राधा - सब्जी

उपर्युक्त वाक्य से यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि राधा क्या कर रही है। इसलिए हम इसे वाक्य नहीं कह सकते हैं।

() सुनीता - राधा! क्या कर रही हो?

राधा - सब्जी काट रही हूँ।

इस वाक्य से अर्थ स्पष्ट है कि राधा सब्जी काटने का काम कर रही है। इसलिए यह पूर्ण वाक्य है।

वाक्य रचना के नियम :-

किसी भी वाक्य के निर्माण करने का एक नियम होता है, जिसे हम इस प्रकार समझ सकते हैं -

कर्ता + कर्म + क्रिया + विशेषण।


वाक्य निर्माण के लिए कर्ता तथा क्रिया का होना आवश्यक है। ये दोनों ही वाक्य के अंग हैं। इनके बिना वाक्य पूरा नहीं हो सकता है।

उदाहरण -

() राहुल घर जा रहा है।

() मोहित फल खा रहा है।

ऊपर लिखे गए दोनों वाक्यों में राहुल तथा मोहित कर्ता है, जाना, खाना क्रिया है तथा घर, फल क्रिया विशेषण हैं।

उद्देश्य -

इसके अन्तर्गत वाक्य का कर्ता…

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