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Board Paper of Class 10 2016 Hindi (SET 3) - Solutions

(i) इस प्रश्न-पत्र के चार खंड हैं- क, ख, ग और घ।
(ii) चारों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खंड के उत्तर क्रमश: दीजिए।


  • Question 1
    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिएः     
    सवेरे हम अपनी मंज़िल काठमांडू की ओर बढ़े। पहाड़ी खेतों में मक्के और अरहर की फसलें लहरा रही थीं। छोटे-छोटे गाँव और परकोटे वाले घर बहुत सुंदर लग रहे थे। शाम होते-होते हम काठमांडू पहुँच गए। आज काठमांडू पर लिखते हुए अंगुलियाँ काँप रहीं हैं। वैसे ही जैसे पच्चीस अप्रैल को काठमांडू की धरती काँप उठी थी। न्यूज़ चैनल जब धरहरा स्तंभ को भरभराकर गिरते दिखा रहे थे, मेरा मन बैठा जा रहा था। क्या हुआ होगा धरहरा के इर्दगिर्द फेरी लगाकर सामान बेचने वालों का? और उस बाँसुरी वादक का जिसके सुरों ने मन मोह लिया था। और वे पर्यटक जो धरहरा के सौंदर्य में बिंधे उसका सौंदर्य निहारते। सब कुछ जानते हुए भी मन यही कर रहा है कि सब ठीक हो।
    रात को हम बाज़ार गए। बाज़ार इलेक्ट्रानिक सामानों से अटा पड़ा था और दुकानों की मालकिनें मुस्तैदी से सामान बेच रही थीं। हमारे हिमालयी क्षेत्रों की तरह यहाँ भी अर्थव्यवस्था का आधार औरतें हैं। क्योंकि पहाड़ों पर पर्याप्त जमीन नहीं होती और रोजगार के साधन भी बहुत नहीं होते, सो घर के पुरुष नीचे मैदानी इलाकों में कमाने जाते हैं और घर परिवार की सारी जिम्मेदारी महिलाएँ उठाती हैं। यहाँ गाँव की महिलाएँ खेती और शहर की महिलाएँ व्यवसाय सँभालती हैं। मैंने देखा वे बड़ी कुशलता से व्यावसायिक दाँव-पेंच अपना रही थीं।
    हम पोखरा होते हुए लौट रह थे। रास्ते भर हिमाच्छादित चोटियाँ आँख मिचौली खेलती रहीं। राह में अनेक छोटे-बड़े नगर-गाँव और कस्बे आते रहे। नेपाली औरतें घरों में काम करती नजर आ रही थीं। मक्का कटकर घर आ चुकी थी। उसके गुच्चे घर के बाहर खूँटियों के सहारे लटके नज़र आ रहे थे। अब हम काली नदी के साथ-साथ चल रहे थे।
    (क) काठमांडू पर लिखने के लिए लेखक की अंगुलियाँ क्यों काँप रही थीं?
    (i) नेपाल में आया भूकंप याद हो आया
    (ii) आंतकवादी हमले की आशंका थी
    (iii) लेखक के हाथ में चोट थी
    (iv) धरहरा स्तंभ अब कभी नहीं देख पाएगा

    (ख) लेखक दुखी और हताश क्यों था?
    (i) धरहरा स्तंभ भूकंप में तहस-नहस हो गया था
    (ii) न्यूज चैनल जब धरहरा स्तंभ दिखा रहे थे
    (iii) लग रहा था जीवन क्षणभंगुर है
    (iv) प्राकृतिक आपदा कहीं भी आ सकती है

    (ग) फेरीवाले और बाँसुरी वादक के लिए लेखक क्यों दुखी है?
    (i) भूकंप में वे नहीं बचे होंगे
    (ii) उनका काम-धंधा ठप्प हो गया होगा
    (iii) उनकी मुलाकात को कुछ समय ही हुआ था
    (iv) उनसे अच्छी दोस्ती हो गई थी

    (घ) नेपाल में अर्थव्यवस्था का आधार औरतें क्यों हैं?
    (i) पुरुष रोज़गार के लिए बाहर जाकर काम करते हैं
    (ii) महिलाएँ ज़्यादा जिम्मेदार होती हैं
    (iii) महिलाएँ पुरुषों पर कम विश्वास करती हैं
    (iv) महिलाएँ मोल-भाव अच्छी तरह करती हैं

    (ङ) गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक होगा-
    (i) काठमांडू की यात्रा
    (ii) पर्यटन और नेपाल
    (iii) बाजार सँभालती नेपाली औरतें
    (iv) भूकंप के बाद का शहर


     
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  • Question 2
    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिएः लिखिएः      
    किसी भी जीव के शरीर और मानस के सबसे ऊपर मस्तिष्क है। इस मस्तिष्क का स्वभाव कैसे तय होता है? बुद्धि में होने वाले विचार से। इसका मतलब यह है कि किसी भी व्यक्ति के वंशानुगत स्वभाव को उसकी बुद्धि, उसका विवेक बदल सकता है। इसक मतलब यह है कि हमारे बर्ताव, हमारे कर्म पर हमार वश है, चाहे दुनिया भर पर न भी हो। हम अपने स्वभाव को बदल सकते हैं, अपनी बुद्धि में बारीक बदलाव लाकर। इसके लिए हमें मस्तिष्क की रूप-रेखा पर क नज़र दौड़ानी होगी।
    हमारे मस्तिष्क के दो विभिन्न अंश हैः चेतन और अवचेतन। दोनों ही अलग-लग प्रयोजनों के लिए जिम्मेदार है और दोनों के सीखने के तरीके भी अलग-अलग हैं। मस्तिष्क का चेतन भाग हमें विशिष्ट बनाता है, वही हमारी विशिष्टता है। इसकी वजह से एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से अलग होता है। हमारा कुछ अलग-सा स्वभाव, हमारी कुछ अनोखी सृजनात्मक शक्ति- ये सब मस्तिष्क के इसी हिस्से से संचालित होती हैं, तय होती हैं। हर व्यक्ति की चेतन रचनात्मकता ही उसकी मनोकामना, उसकी इच्छा और महत्वाकांक्षा तय करती है।
    इसकी विपरीत मस्तिष्क का अवचेतन हिस्सा एक ताकतवर प्रतिश्रुति यंत्र जैसा ही है। यह अब तक के रिकॉर्ड किए हुए अनुभव दोहराता है। इसमें रचनात्मकता नहीं होती। यह उन स्वचलित क्रियाओं और उस सहज स्वभाव को नियंत्रित करता है, जो दुहरा-दुहरा कर, हमारी आदत का एक हिस्सा बन चुका है। जह जरूरी नहीं है कि अवचेतन दिमाग की आदतें और प्रतिक्रियाएँ हमारी मनोकामनाओं या हमारी पहचान पर आधारित हों। दिमाग का यह हिस्सा अपने जन्म के थोड़े पहले, माँ के पेट में ही सीखना शुरू कर देता है जैसे जीवन के 'चक्रव्यूह' में उतरने से पहले ही 'अभिमन्यु' पाठ सीखने लगा हो। यहाँ से लेकर सात साल की उमर तक वे सारे कर्म और आचरण हमारे दिमाग का यह अवचेतन हिस्सा सीख लेता है जो भावी जीवन के लिए मूल आधार हैं।
    (क) कौन-सा कथन सही है?
    (i) वंशानुगत स्वभाव को अपने विवेक और बुद्धि से बदल सकते हैं
    (ii) वंशानुगत स्वभाव को अपने विवेक और बुद्धि से नहीं बदल सकते हैं
    (iii) व्यवहार और कर्म पर किसी का वश नहीं है
    (iv) नियति ही सर्वोच्च है और होनी होकर रहती है

    (ख) हम अपने स्वभाव को कैसे परिवर्तित कर सकते हैं?
    (i) चेतन मस्तिष्क को समझकर
    (ii) अवचेतन मस्तिष्क को समझकर
    (iii) बुद्धि में सूक्ष्म परिवर्तन लाकर
    (iv) मस्तिष्क की रूप-रेखा पर नज़र दौड़ाकर

    (ग) किसी व्यक्ति को दूसरे से भिन्न और विशिष्ट स्वभाव का बनाता है:
    (i) चेतन मस्तिष्क
    (ii) अवचेतन मस्तिष्क
    (iii) हमारे कर्मों का फल
    (iv) हँसमुख व्यवहार

    (घ) अभिमन्यु की चर्चा से लेखक प्रतिपादित करना चाहता है कि-
    (i) चेतन मस्तिष्क जन्म से पहले ही काम करना शुरू कर देता है
    (ii) अवचेतन मस्तिष्क जन्म से पहले ही काम करना शुरू कर देता है
    (iii) अवचेतन मस्तिष्क चक्रव्यूह जैसा होता है
    (iv) हमारा आचरण हमारे भविष्य का निर्माता है

    (ङ) सृजनात्मक और रचनात्मक कार्यों की जिम्मेदारी है-
    (i) मानव स्वभाव की
    (ii) चेतन मस्तिष्क की
    (iii) अवचेतन मन की
    (iv) वंशानुगत स्वभाव की


     
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  • Question 3
    निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर सही उत्तरवाले विकल्प चुनकर लिखिएः         
    क्या कुटिल व्यंग्य! दीनता वेदना से अधीर, आशा से जिनका नाम रात दिन जपती है,
    दिल्ली के वे देवता रोज कहते जाते, 'कुछ और धरो धीरज, किस्मत अब छपती है।'
    किस्मतें रोज छप रहीं, मगर जलधार कहाँ? प्यासी हरियाली सुख रही है खेतों में,
    निर्धन का धन पी रहे लोभ के प्रेत छिपे, पानी विलीन होता जाता है, रेतों में।
    हिल रहा देश कुत्सा के जिन आघातों से, वे नाद तुम्हें ही नहीं सुनाई पड़ते हैं?
    निर्माणों के प्रहरियो! तुम्हें ही चोरों के काले चेहरे क्या नहीं दिखाई पड़ते हैं?
    तो होश करो, दिल्ली के देवो, होश करो, सब दिन तो यह मोहिनी न चलनेवाली है,
    होती जाती है गर्म दिशाओं की साँसें, मिट्टी फिर कोई आग उगलने वाली है।
    (क) गरीबों के प्रति कुटिल व्यंग्य क्या है?
    (i) धीरज रखने का अनुरोध
    (ii) भाग्य पलटने का आश्वासन
    (iii) कुछ और कम करने का आग्रह
    (iv) वेदना और अधीरता

    (ख) ''दिल्ली के वे देवता'' – कौन हैं?
    (i) सरकारी कर्मचारी
    (ii) शक्तिशाली शासक
    (iii) बड़े व्यापारी
    (iv) प्रभावशाली लोग

    (ग) कौन-सी पंक्ति परिवर्तन होने की चेतावनी दे रही है?
    (i) और धरो धीरज, किस्मत अब छपती हैं
    (ii) पानी विलीन होता जाता है रेतों में
    (iii) तो होश करो दिल्ली के देवो
    (iv) मिट्टी फिर कोई आग उगलने वाली है

    (घ) ''पानी विलीन होता जाता है रेतों में'' – कथन का आशय हैः
    (i) सिंचाई नहीं हो पाती
    (ii) वर्षा पर्याप्त नहीं होती
    (iii) गरीबों तक सुविधाएँ नहीं पहुँचती
    (iv) रेत में खेती नहीं हो सकती

    (ङ) निर्माण के प्रहरी अनदेखी करते हैं-
    (i) वैभवशाली लोगों की
    (ii) दिल्ली के देवों की
    (iii) हरे-भरे खेतों की
    (iv) चोरों और भ्रष्टाचारियों की

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  • Question 4
    निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही उत्तरवाले विकल्प चुनकर लिखिएः
    एक बच्ची उधर
    कत्थक में थिरक रही है और
    ढेर सारी बच्चियाँ
    गोबर लीद ढूँढ़ते रहने के बाद
    अंधेरे में दुबक रही हैं
    लड़कियाँ नदी तालाब कुआँ
    घासलेट माचिस फंदा
    ढूँढ़ रही हैं।

    और इसी वक्त
    एक लड़की चेहरे की कोमलता के बारे में
    रेडियो से नुस्खा बता रही है
    और असंख्य बच्चे
    अँधरे की तरफ़
    दौड़ते जा रहे हैं।

    उनकी स्मृतियों में फ़िलवक़्त
    चीख और रुदन
    और गिड़गिड़ाहट है
    उनकी आँखों में
    कल की छीना-झपटी और भागमभाग का
    पैबंद इतिहास है
    उनके भीत शब्द रहित भय
    और सिर्फ़ जख़्मी आज है
    पर वे शायद अभी जानते नहीं
    वे पृथ्वी के बाशिदें हैं करोड़ों
    और उनके पास आवाज़ों का महासागर है
    जो छोटे से गुब्बारे की तरह
    फोड़ सकता है किसी भी वक़्त
    अंधेरे के सबसे बड़े समूह को!

    (क) काव्यांश में उभरकर आया है:
    (i) गाँव और शहर का अंतर
    (ii) लड़के-लड़कियों में भेदभाव
    (iii) गरीब और अमीर बच्चों का जीवन
    (iv) अँधेरे और उजाले का प्रभाव

    (ख) 'असंख्य बच्चे अँधेरे की तरफ दौड़ते जा रहे हैं' यहाँ 'अँधेरा' से तात्पर्य है -
    (i) विषमता और भेदभाव
    (ii) गरीबी और अज्ञान
    (iii) चीख और रुदन
    (iv) छीना-झपटी और भागमभाग

    (ग) आपके विचार से कविता में कौन-सी बच्ची देश का प्रतिनिधित्व कर रही है?
    (i) कत्थक पर थिरकती
    (ii) अँधेरे में दुबकती
    (iii) रेडियों से नुस्खा बताती
    (iv) चेहरे की कोमलता सँभालती

    (घ) करोड़ों वँचित देशवासी नहीं जानते कि-
    (i) उनका इतिहास महान है
    (ii) चीख और रुदन सदा नहीं रहेंगे
    (iii) वे शोषण के गुब्बारे को फोड़ सकते हैं
    (iv) वे व्यवस्था का विरोध कर सकते हैं

    (ङ) ''उनके भीतर शब्द- रहित भय
    और सिर्फ़ जख्मी आज है'' – का आशय हैः
    (i) वे अपने शोषण के बारे में बताते हुए डरते हैं
    (ii) वे आज घायल हैं
    (iii) वे ज़ख्मों से डर जाते हैं
    (iv) चुपचाप भीतर बैठे रहना उन्हें डराता है

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  • Question 5
    निर्देशानुसार उत्तर दीजिए-
    (क) बढ़ती जनसंख्या पर अंकुश नहीं लगाया गया तो मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ेगा।
    (सरल वाक्य में बदलिए)

    (ख) अनेक संस्थाएँ जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए कार्यरत हैं।
    (मिश्र वाक्य में बदलिए)

    (ग) जो अपने भाई साहब से मिलने आए हैं उन्हें मैं जानता भी नहीं।
    (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
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  • Question 6
    निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तित कीजिए -

    (क) भाईसाहब के द्वारा मुझे पतंग दी गई? (कर्तृवाच्य में)

    (ख) आओ, कहीं चला जाए। (कर्तृवाच्य में)

    (ग) मेरी मित्र चल नहीं सकती। (भाववाच्य में)

    (घ) मैंने समय की पाबंदी पर निबंध लिखा। (कर्मवाच्य में)
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  • Question 7
    रेखांकित पदों का पद-परिचय दीजिए –
    वृद्ध डॉक्टर ने फार्मूला दिया और मैंने सभी के समाने इस तरह रखा जैसे कि वह पंचायत का फैसला हो


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  • Question 8
    (क) काव्यांश में निहित रस पहचान कर लिखिए।
    पवन झुलावै, केकी-कीर बतरावैं 'देव'
    कोकिल हलावै-हुलसावै कर तारी दै।

    (ख) 'करुण' रस का एक उदाहरण लिखिए।

    (ग) 'वीर' रस के स्थायीभाव का नाम लिखिए।

    (घ) 'भय' किस रस स्थायी भाव है?

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  • Question 9
    निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर पूछ गए प्रश्नों के उत्तर लिखिएः
    वही पुराना बालाजी का मंदिर जहाँ बिस्मिल्ला खाँ को नौबतखाने रियाज़ के लिए जाना पड़ता है। मगर एक रास्ता है बालाजी मंदिर तक जाने का। यह रास्ता रसूलनबाई और बतूलनबाई के यहाँ से होकर जाता है। इस रास्ते से अमीरुद्दीन को जाना अच्छा लगता है। इस रास्ते न जाने कितने तरह के बोल-बनाव कभी ठुमरी, कभी टप्पे, कभी दादरा के मार्फत ड्योढ़ी तक पहुँचते हैं। रसूलन और बतूलन जब गाती हैं, तब अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है। अपने ढेरों साक्षात्कारों में बिस्मिल्ला खाँ साहब ने स्वीकार किया है कि उन्हें अपने जीवन के आरंभिक दिनों में संगीत के प्रति आसक्ति इन्हीम गायिका बहिनों को सुनकर मिली है।
    (क) बिस्मिल्ला खाँ कौन थे? बालाजी मंदिर से उनका क्या संबंध है?

    (ख) रसूलनबाई और बतूलनबाई के यहाँ से होकर बालाजी के मंदिर जाना बिस्मिल्ला खाँ को क्यों अच्छा लगता था?

    (ग) 'रियाज' से क्या तात्पर्य है?
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  • Question 10
    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए- 
    (क) मन्नू भंडारी के पिता की कौन-कौन सी विशेषताएँ अनुकरणीय हैं?

    (ख) परंपराएँ विकास के मार्ग में अवरोधक हों तो उन्हें तोड़ना ही चाहिए, कैसे? 'स्त्री-शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन' पाठ के आधार पर लिखिए।

    (ग)  'प्राकृत केवल अपढ़ों की नहीं अपितु सुशिक्षितों की भी भाषा थी' – महावीर प्रसाद द्विवेदी ने यह क्यों कहा है?

    (घ) 'संस्कृति' पाठ में लेखक के अनुसार सभ्यता क्या है?

    (ङ) रात के तारों को देखकर न सो सकने वाले मनीषी को प्रथम पुरस्कर्ता क्यों कहा गया है? 'संस्कृति' पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।

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  • Question 11
    निम्नलिखित काव्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
    यश है या न वैभव है, मान है न सरमाया;
    जितना ही दौड़ा तू उतना ही भरमाया।
    प्रभुता का शरण-बिंब केवल मृगतृष्णा है,
    हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है।
    जो है यथार्थ कठिन उसका तू कर पूजन-
    छाया मत छूना
    मन, होगा दुख दूना।
    (क) 'मृगतृष्णा' से क्या अभिप्राय है, यहाँ मृगतृष्णा किसे कहा गया है?

    (ख) 'हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्ण है' – इस पंक्ति से कवि किस तथ्य से अवगत करवाना चाहता है?

    (ग) 'छाया' से कवित का क्या तात्पर्य है? VIEW SOLUTION


  • Question 12
    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए।
    (क) परशुराम की स्वभावगत विशेषताएँ क्या हैं? पाठ के आधार पर लिखिए।

    (ख) 'साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है' – इस कथन पर अपने विचार 'राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद' पाठ के आलोक में लिखिए।

    (ग) 'कन्यादान' कविता में वस्त्र और आभूषण को शाब्दिक-भ्रम क्यों कहा गया है?

    (घ) 'कन्यादान' कविता में माँ ने बेटी को ऐसा क्यों कहा कि लड़की होना पर लड़की जैसी दिखाई मत देना।

    (ङ) संगतकार की आवाज में एक हिचक सी क्यों प्रतीत होती है? VIEW SOLUTION


  • Question 13
    'साना-साना हाथ जोड़ि' पाठ में प्रदूषण के कारण हिमपात में कमी पर चिंता व्यक्त की गई है। प्रदूषण के और कौन-कौन से दुष्परिणाम सामने आए हैं? हमें इसकी रोकथाम के लिए क्या करना चाहिए?
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  • Question 14
    किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 250 शब्दों में निबंध लिखिए-
    (क) सांप्रदायिकताः एक अभिशाप
    •    सांप्रदायिकता का अर्थ
    •    विश्वव्यापी समस्या
    •    समस्या से मुक्ति

    (ख) साँच बराबर तप नहीं
    •    सूक्ति का तात्पर्य
    •    सच और झूठ का प्रभाव
    •    जीवन में सत्य का महत्व

    (ग) प्लास्टिक : अनचाही ज़रूरत
    •    प्लास्टिक की उपयोगिता
    •    प्लास्टिक के नुकसान
    •    निष्कर्ष
     
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  • Question 15
    विद्यालय में दसवीं और बारहवीं कक्षा के अच्छे परिणामों पर प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर सुझाइए कि उन्हें और अच्छा कैसे बनाया जा सकता है?
    अथवा
    आपके मित्र के पिता के सीमा पर शहीद हो जाने का समाचार प्राप्त होने पर अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए मित्र को संवेदना पत्र लिखिए।


     
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  • Question 16
    निम्नलिखित गद्यांश का शीर्षक लिखकर एक तिहाई शब्दों में सार लिखिए-
    प्रत्येक देश में नागरिकों की सुरक्षा तथा कानून का पालन करवाने के लिए पुलिस का गठन किया जाता है। ये निर्धारित नियमों के अनुसार सरकारी संस्था द्वारा होता है। चुने हुए व्यक्तों को कुशल प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण के समय इन्हें शारीरिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए व्यायाम व पी.टी. करवाई जाती है तथा इन्हें इनक कर्तव्यों का बोध कराया जता है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद इन्हें पुलिस सेवा में नियुक्त किया जाता है। इनको समाज और जनता से जुड़े सभी काम करने होते हैं। इनका मुख्य कार्य होता है- ईमानदारी से नागरिकों के जान-माल तथा नगर की सुरक्षा करना तथा सर्वत्र शांति बनाए रखना। नगर में होने वाले उत्सवों, मेलों, सभाओं आदि के समय इनकी जिम्मेदारियाँ बढ़ जाती हैं। सांप्रदायिकता दंगों के समय तो पुलिस को कई दिनों तक लगातार ड्यूटी देनी पड़ती है। कर्फ्यू के समय आवश्यक वस्तुओं को यथास्थान पहुँचाना भी इन्हीं की देखरेख में होता है। इसके अतिरिक्त पुलिस के और भी कर्तव्य होते है; जैसे- बाढ़ के समय तथा कहीं अग्निकांड हो जाने पर बचाव कार्य करना। इससे इनके साहस, बहादुरी और ईमानदारी की परीक्षा होती है। बहादुरी का कार्य करने वाले पुलिस कर्मचारियों को पुरस्कृत भी किया जाता है।
     
     
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